राज्य ब्यूरो, शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhu) का कहना है कि राज्य सरकार के प्रयासों से शिंकुला सुरंग बनाने का रास्ता साफ हो गया है। केंद्र सरकार ने लाहौल घाटी को लद्दाख को जोड़ने के लिए 4.1 किमी सुरंग बनाने को एफसीए, वन संरक्षण अधिनियम के तहत क्लीयरेंस प्रदान कर दी है।
विशेष अधिकारी नियुक्त कर केंद्र से करवाई स्वीकृति
सरकार ने इस महत्वपूर्ण सुरंग के निर्माण को राज्य सरकार ने प्राथमिकता दी और विशेष अधिकारी नियुक्त कर केंद्र सरकार से स्वीकृति प्रदान करवाई। राज्य सरकार के प्रयासों से ही सुरंग निर्माण के लिए एफसीए क्लीयरेंस प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि सुरंग के साथ-साथ यहां एक हैलीपैड और कार्यालय परिसर का निर्माण भी किया जाएगा। सुरंग के साउथ पोर्टल के साथ-साथ लगभग 3800 मीटर हिस्सा हिमाचल प्रदेश में बनेगा।
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सुरंग के निर्माण से लद्दाख तक जाना होगा आसान
सीएम ने कहा कि इस सुरंग के निर्माण से लद्दाख तक सभी मौसम में जाना संभव हो पाएगा। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख तक पहुंचने का यह सबसे छोटा रास्ता होगा। इससे हिमपात के बीच भी गाड़ियों की आवाजाही हो पाएगी। उन्होंने कहा कि शिंकुला सुरंग का निर्माण सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण सिद्ध होगा तथा सुरक्षा बलों की आवाजाही सुगम बनेगी।
शिंकुला दर्रे के नीचे बनाई जाएगी ये सुरंग
ये सुरंग समुद्र तल से 4800 मीटर पर शिंकुला दर्रे के नीचे बनाई जाएगी। सुरंग के निर्माण से लाहौलघाटी क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बल मिलेगा। जिससे क्षेत्र में भी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी और क्षेत्रवासियों के जीवनस्तर में सुधार आएगा। सरकार प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में सुरंग निर्माण को प्राथमिकता दे रही है, ताकि राज्य के निवासियों के साथ-साथ पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं प्राप्त हो सकें।
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